
शाहरुख खान की अगली महाकवि, ‘जवान’, वो चाहती है जिसे दिल से, जान से, जिज्ञासा से और बेसब्री से आगाज किया जाए। उस अलौकिक कहानी की कथा, जो आज तक हमारी आँखों के सामने नहीं आई है, वो हमारी रुखसत आवश्यकताओं को पूरा करने की बिना किसी सीमा के बिना किसी बाधा के सपनों की दिशा में एक नया प्रकटीकरण होगा।
इस अद्वितीय सफलता के सूचना के बिना, फिल्म की उम्मीदों की लहरें समुंदर के तरंगों से कम नहीं हैं। फिल्म का ट्रेलर अभी तक अपनी गूँज को आसमान में नहीं बिखरने दिया है, लेकिन शाहरुख के प्रेमिकों की आवश्यकता को यह समझने में कोई कठिनाई नहीं है।
हर एक अद्वितीय पल के इंतजार में, जैसे कि बचपन की रातों में देखा करते थे हमने सितारों की छायाएँ, वह संवेदनाओं का समंजस्य उत्तरदायी होगा जो हम आगाज में महसूस करते हैं।
फिल्म ‘जवान’, जैसे कि एक किताब के पन्नों में बंद की गई किस्से, हमें एक नयी दुनिया में ले जाएगी। फिल्म के अपूर्ण आकारों में भी, हम एक बड़े संवेदनाओं के उत्सव की सजीव घटना का स्वागत करेंगे, जैसे कि बरसात की बूँदों से भरी खास मीठी गहराइयों में।